सीडलिंग कल्टीवेशन से तात्पर्य घर के अंदर या ग्रीनहाउस में बीज बोने और फिर अंकुर बड़े होने के बाद उन्हें खेती के लिए खेत में रोपने की एक विधि से है। अंकुर की खेती से बीजों के अंकुरण दर में वृद्धि हो सकती है, अंकुरों की वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है, कीटों और बीमारियों की घटना कम हो सकती है और पैदावार बढ़ सकती है।
पौध उगाने की कई विधियाँ हैं, और निम्नलिखित सामान्य हैं:
● प्लग ट्रे अंकुरण विधि: प्लग ट्रे में बीज बोएं, पतली मिट्टी से ढकें, मिट्टी को नम रखें, और अंकुरण के बाद अंकुरों को पतला करके दोबारा जमा करें।
● सीडलिंग ट्रे सीडलिंग विधि: सीडलिंग ट्रे में बीज बोएं, पतली मिट्टी से ढकें, मिट्टी को नम रखें, और अंकुरण के बाद अंकुरों को पतला करके दोबारा जमा करें।
● पोषक तत्व वाले गमलों में बीज बोने की विधि: पोषक तत्वों वाले गमलों में बीज बोएं, उन्हें पतली मिट्टी से ढक दें, मिट्टी को नम रखें और अंकुरण के बाद अंकुरों को पतला करके दोबारा जमा कर लें।
● हाइड्रोपोनिक अंकुर विधि: बीजों को पानी में भिगोएँ, और जब बीज पर्याप्त पानी सोख लें, तो बीजों को एक हाइड्रोपोनिक कंटेनर में रखें, पानी का तापमान और प्रकाश बनाए रखें, और अंकुरण के बाद बीजों की रोपाई करें।
पौध उगाते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
● उपयुक्त किस्मों का चयन करें: स्थानीय जलवायु परिस्थितियों और बाजार की मांग के अनुसार उपयुक्त किस्मों का चयन करें।
● उपयुक्त बुआई अवधि चुनें: विभिन्न विशेषताओं और खेती की स्थितियों के अनुसार उपयुक्त बुआई अवधि निर्धारित करें।
● एक उपयुक्त अंकुर माध्यम तैयार करें: अंकुर माध्यम ढीला और सांस लेने योग्य, अच्छी तरह से सूखा और कीटों और बीमारियों से मुक्त होना चाहिए।
● बीजों का उपचार करें: बीज अंकुरण दर में सुधार के लिए गर्म पानी में भिगोएँ, अंकुरित करें और अन्य तरीकों से बीज उपचार करें।
● उपयुक्त तापमान बनाए रखें: अंकुर उगाने के दौरान तापमान सामान्यतः 20-25℃ बनाए रखा जाना चाहिए।
● उपयुक्त आर्द्रता बनाए रखें: अंकुर उगाने के दौरान आर्द्रता बनाए रखनी चाहिए, आमतौर पर 60-70%।
● उचित रोशनी प्रदान करें: अंकुर उगाने के दौरान, आमतौर पर दिन में 6-8 घंटे, उचित रोशनी प्रदान की जानी चाहिए।
● विरलन और पुनःरोपण: विरलन तब किया जाता है जब अंकुरों में 2-3 सच्ची पत्तियाँ उग आती हैं, और प्रत्येक छेद में 1-2 अंकुर बचे रहते हैं; पुनर्रोपण तब किया जाता है जब पौधों में 4-5 सच्ची पत्तियाँ उग आती हैं ताकि पतलेपन के कारण छोड़े गए छिद्रों को भरा जा सके।
●रोपण: जब पौधों में 6-7 सच्ची पत्तियाँ आ जाएँ तो उन्हें रोपित करें।
पोस्ट करने का समय: जुलाई-19-2024